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khud ko khojne ka safar

Friday, September 17, 2010

एक और इशारा खुद को पाने का ..

उन्होंने कहा सबसे प्यार करो
जिन्दगी खुद ही प्यारी हो जाएगी
मैंने कोशिश की पर हो नहीं पाया
हर किसी के लिए प्यार पनप नहीं पाया

मैंने उन्हें कहा मेरी समस्या का हल करो
मेरे अन्दर भी कुछ रूहानियत भरो
उन्होंने कहा पहले जो भरा है उसे बाहर करो
क्रोध ,नफरत , इर्षा ,इन सबको अलविदा कहो.

जब पात्र ख़ाली होगा तभी तो कुछ भरेगा
तुम तो पहले ही इतना सब भरे बैठे हो,
सारी धुंद को खुद मे से साफ करे,सबको माफ़ करो
तभी सबको और खुद को सचमे प्यार कर पाओगे

3 comments:

  1. बहुत सुंदर भाव युक्त कविता

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  2. उन्होंने कहा सबसे प्यार करो
    जिन्दगी खुद ही प्यारी हो जाएगी

    ..........गजब कि पंक्तियाँ हैं

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  3. बहुत सुंदर कविता.तुम तो पहले ही इतना सब भरे बैठे हो...बहुत ही वास्तविक एवं अर्थपूर्ण पंक्तियां लगी.

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